भारतीय संस्कृति व कला में मोटे अनाज और जड़ी-बूटियों का प्रभाव व पूरी दुनिया में किसान और अनाज का अटूट बंधन

अनाज खाद्य उत्पादों का एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्रोत होता है। इनमें गेहूं, चावल, जौ, राजमा, चना, मक्का और ओट्स शामिल होते हैं। ये अनाज भोजन में एक बहुत ही अहम भूमिका निभाते हैं और इनमें विभिन्न पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है।

मोटे अनाज में भी पॉजिटिव मिल्लट की महिमा अपरम्पार मानी गई है। बार्नयार्ड, ब्राउनटॉप, फॉक्सटेल, कोदो व लिटिल मिल्लट भारतीय खाद्य का अभिन्न अंग रहें है जिसे वैज्ञानिको ने पुनर्स्थापित किया है।

मोटे अनाज में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करती है। ये फाइबर हमारे पाचन तंत्र के लिए भी बहुत उपयोगी होते हैं। इनमें विटामिन्स, एंटीऑक्सिडेंट्स, मिनरल्स और फ्लावोनॉयड्स भी होते हैं जो हमारी दृष्टि, मजबूत हड्डियों, वजन नियंत्रण और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करते

भारतीय कला और संस्कृति में मोटे अनाज को बहुत अधिक स्थान दिया गया है

Artist singing Millet Cultural Song

भारतीय रंगोली में अनाज का प्रयोग

Millet Rangoli
Millet Rangoli

पंजाब में अनाज उत्सव

दक्षिण भारत में अनाज उत्सव

पूरे विश्व में किसान व अनाज का अटूट रिश्ता

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